मंदिर जहां मुगलो के खिलाफ जीत के लिए गुरु गोविंद सिंह जी ने किया था महायज्ञ - Maa Naina Devi Temple In Hindi

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित Maa Naina Devi Temple, राज्य के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। मंदिर एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है और देवी दुर्गा के अवतार देवी नैना देवी को समर्पित है। माना जाता है कि यह मंदिर 900 साल से अधिक पुराना है और हर साल हजारों भक्तों को आकर्षित करता है।

मां नैना देवी मंदिर की कथा (Legends of Maa Naina Devi Temple)

ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव अपनी पत्नी सती के शरीर को ले जा रहे थे और विलाप में ब्रह्मांड के चारों ओर घूम रहे थे। इस प्रक्रिया में, सती की आंखें उस स्थान पर गिर गई थीं जहां कहा जाता है कि मंदिर का निर्माण किया गया था, जिससे देवी को उनका नाम "नैना देवी" (जिसका अर्थ है "सुंदर आंखों वाली देवी") दिया गया था।

Maa Naina Devi Temple
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एक महत्वपूर्ण कहानी सिख गुरु गोबिंद सिंह से संबंधित है। जब उन्होंने 1756 में मुगलों के खिलाफ अपना अभियान शुरू किया, तो उन्होंने श्री नैना देवी का दौरा किया और देवी का आशीर्वाद लेने के लिए एक महायज्ञ किया। आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद उन्होंने मुगलों को सफलतापूर्वक पराजित किया।

नैना देवी इतिहास (Naina Devi History)

मां नैना देवी मंदिर का एक अनूठा और दिलचस्प इतिहास है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सबसे पहले 8वीं शताब्दी में वीर चंद नामक राजा ने करवाया था। 19वीं शताब्दी में सिरमौर के राजा द्वारा बाद में मंदिर का जीर्णोद्धार और नवीनीकरण किया गया था। 1980 के दशक में मंदिर का पुनर्निर्माण भी किया गया था और 1990 के दशक में केबल कार प्रणाली स्थापित की गई थी।

माँ नैना देवी मंदिर का महत्व (Importance of Maa Naina Devi Temple)

लोगों का मानना है कि यहां पहुंचने वालों की आंखों के रोग दूर हो जाते हैं। यह गर्भगृह वर्ष भर और विशेष रूप से श्रावण अष्टमी के दौरान और चैत्र और अश्विन के नवरात्रों के दौरान तीर्थयात्रियों और भक्तों की एक बड़ी भीड़ को देखता है।

माँ नैना देवी मंदिर की वास्तुकला (Architecture of Maa Naina Devi Mandir)

बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश में मां नैना देवी मंदिर, इसकी पारंपरिक हिंदू वास्तुकला की विशेषता है, जिसमें कई स्तरों के गुंबद और मंदिर की दीवारों पर जटिल नक्काशी है। मंदिर का मुख्य मंदिर देवी नैना देवी को समर्पित है, जिन्हें भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती का अवतार माना जाता है।

मंदिर समुद्र तल से 1,220 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और एक केबल कार के माध्यम से पहुँचा जा सकता है, जो आगंतुकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है। मंदिर तक की सवारी आनंदमय है, जो आसपास की पहाड़ियों और घाटियों के मनोरम दृश्य पेश करती है। मंदिर परिसर में भगवान शिव, भगवान गणेश और भगवान हनुमान सहित विभिन्न देवताओं को समर्पित कई मंदिर हैं।

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मंदिर में एक शांत और निर्मल वातावरण है, जो मंत्रों के मधुर जाप और अगरबत्ती की सुगंध से और भी बढ़ जाता है। भक्त देवी का आशीर्वाद लेने के लिए नारियल, फल और फूल चढ़ाते हैं। मंदिर में एक भंडारा भी होता है, जहाँ लोगों को प्रसाद परोसा जाता है, जो एक पवित्र भोजन है।

अपने धार्मिक महत्व के अलावा, मंदिर आसपास के परिदृश्य के लुभावने दृश्य भी प्रस्तुत करता है। जिस पहाड़ी पर मंदिर स्थित है, वह सतलुज नदी और आसपास की पहाड़ियों के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करती है। आगंतुक क्षेत्र की सुंदरता को निहारने और ताज़ी पहाड़ी हवा में घंटों बिता सकते हैं।

माता नैना देवी मंदिर का पता (Address of Mata Naina Devi Mandir)

माँ नैना देवी मंदिर, नैना देवी रोड, बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश - 174001।

नैना देवी माता मंदिर का समय (Timings of Naina Devi Mata Temple)

  • मंदिर प्रतिदिन सुबह 5:00 बजे से रात 9:00 बजे तक खुला रहता है।
  • नवरात्र में- दोपहर 2:00 बजे से 12:00 बजे तक।

मां नैना मंदिर में मनाए जाने वाले पर्व (Festivals Celebrated At Maa Naina Mandir)

नैना देवी मंदिर में कई त्यौहार मनाए जाते हैं, कुछ प्रमुख त्योहारों की सूची नीचे दी गई है:

नैना देवी मेला (Naina Devi Fair)

यह मंदिर में मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है, जो हर साल अगस्त या सितंबर के महीने में आयोजित किया जाता है। देवी नैना देवी का आशीर्वाद लेने के लिए देश भर से हजारों भक्त इस दौरान मंदिर में आते हैं।

नवरात्रि (Navratri)

मंदिर में नवरात्रि का नौ दिवसीय उत्सव भी बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। भक्त इस अवधि के दौरान उपवास करते हैं और देवी नैना देवी की पूजा करते हैं।

दिवाली (Diwali)

रोशनी का त्योहार, दीवाली, भी मंदिर में बहुत खुशी और भक्ति के साथ मनाया जाता है। मंदिर को रोशनी और दीयों से सजाया गया है, और देवी का आशीर्वाद लेने के लिए विशेष पूजा की जाती है।

होली (Holi)

रंगों का त्योहार होली भी मंदिर में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। भक्त देवी को रंगीन चंदन और फूल चढ़ाते हैं और पारंपरिक उत्साह के साथ त्योहार मनाते हैं।

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माँ नैना देवी मंदिर के पास देखने लायक पर्यटन स्थल (Tourist Places To See Near Maa Naina Devi Temple)

मंदिर के अलावा, इस क्षेत्र में कई अन्य आकर्षण देखने लायक हैं। निकटवर्ती गोबिंद सागर झील एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जैसा कि भाखड़ा बांध है। आगंतुक पास की पहाड़ियों में ट्रेकिंग के लिए भी जा सकते हैं, या कुछ साहसिक खेलों जैसे पैराग्लाइडिंग और ज़िपलाइनिंग में शामिल हो सकते हैं।

  1. भाखड़ा बांध - सतलुज नदी पर स्थित, भारत के सबसे बड़े बांधों में से एक है
  2. गोविंद सागर झील - भाखड़ा बांध द्वारा बनाई गई एक सुंदर झील
  3. लुहनु क्रिकेट ग्राउंड - पहाड़ियों और जंगलों से घिरा एक सुरम्य क्रिकेट स्टेडियम
  4. गुरुद्वारा नैना देवी - नैना देवी मंदिर के सामने एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित एक सिख तीर्थ स्थल
  5. मंडी - ब्यास नदी के तट पर अपने मंदिरों और सुरम्य स्थान के लिए प्रसिद्ध एक ऐतिहासिक शहर
  6. पराशर झील - पहाड़ों और जंगलों से घिरी एक शांत झील
  7. जटोली शिव मंदिर - सतलुज नदी के तट पर स्थित भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है
  8. कोलडैम बांध - सतलुज नदी पर स्थित एक पनबिजली बांध
  9. स्वारघाट - सतलुज नदी और आसपास के पहाड़ों के शानदार दृश्यों वाला एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल
  10. चैल - खूबसूरत जंगलों, वन्य जीवन और बर्फ से ढके पहाड़ों के नज़ारों वाला एक अनोखा हिल स्टेशन।

माँ नैना देवी मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय (Best Time To Visit Maa Naina Devi Temple)

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में माँ नैना देवी मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय मार्च से जून और सितंबर से नवंबर के महीनों के दौरान है। इन महीनों में मौसम सुहावना होता है और दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए आदर्श होते हैं।

मां नैना देवी मंदिर कैसे पहुंचे बिलासपुर हिमाचल प्रदेश (How To Reach Maa Naina Devi Temple Bilaspur Himachal Pradesh)

मां नैना देवी मंदिर, हिंदू देवी नैना देवी को समर्पित, भारत के हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित एक लोकप्रिय मंदिर है। मंदिर शिमला से 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और परिवहन के विभिन्न साधनों द्वारा पहुँचा जा सकता है। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में नैना देवी मंदिर तक पहुँचने के लिए आप इन चरणों का पालन कर सकते हैं:

हवाईजहाज से (By Air)

बिलासपुर का निकटतम हवाई अड्डा चंडीगढ़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो 103 किमी की दूरी पर स्थित है। हवाई अड्डे से, माँ नैना देवी मंदिर तक पहुँचने के लिए टैक्सी किराए पर ली जा सकती है या बस ली जा सकती है।

ट्रेन से (By Train)

बिलासपुर का निकटतम रेलवे स्टेशन कीरतपुर साहिब रेलवे स्टेशन है, जो 52 किमी की दूरी पर स्थित है। रेलवे स्टेशन से माँ नैना देवी मंदिर तक पहुँचने के लिए कोई भी टैक्सी किराए पर ले सकता है या बस ले सकता है।

सड़क द्वारा (By Road)

बिलासपुर हिमाचल प्रदेश के प्रमुख शहरों और आसपास के राज्यों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। चंडीगढ़, शिमला और दिल्ली जैसे शहरों से नियमित बसें उपलब्ध हैं। बिलासपुर में माँ नैना देवी मंदिर तक पहुँचने के लिए कोई भी टैक्सी या ड्राइव किराए पर ले सकता है।

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मां नैना देवी मंदिर पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs on Maa Naina Devi Temple)

Q. माँ नैना देवी मंदिर का इतिहास क्या है ?

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु द्वारा अपने सुदर्शन चक्र से देवी सती के शरीर को 51 भागों में विभाजित करने के बाद देवी सती की आंखें इस स्थान पर गिरी थीं। यह मंदिर सदियों से हिंदुओं के लिए आस्था और भक्ति का केंद्र रहा है। यह 8वीं शताब्दी में बनाया गया था और इतिहास में कई बार इसका जीर्णोद्धार किया गया था, जिसमें नवीनतम नवीनीकरण 20वीं शताब्दी की शुरुआत में किया गया था।

Q. माँ नैना देवी मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय क्या है?

मंदिर में साल भर जाया जा सकता है, लेकिन यात्रा करने का सबसे अच्छा समय नवरात्रि के मौसम (सितंबर-अक्टूबर) के दौरान होता है जब मंदिर नौ दिवसीय उत्सव को बड़े उत्साह के साथ मनाता है।

Q. मैं माँ नैना देवी मंदिर कैसे पहुँच सकता हूँ?

यह मंदिर चंडीगढ़ शहर से 70 किमी और आनंदपुर साहिब से 30 किमी की दूरी पर स्थित है। निकटतम हवाई अड्डा चंडीगढ़ में स्थित है, और निकटतम रेलवे स्टेशन कीरतपुर साहिब में स्थित है। मंदिर तक सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है, और सार्वजनिक परिवहन भी उपलब्ध है।

Q. दिल्ली से मां नैना देवी मंदिर कैसे पहुंचे?

दिल्ली से मां नैना देवी मंदिर तक पहुंचने का सबसे आसान तरीका ऊना, हिमाचल प्रदेश के लिए सीधी ट्रेन या बस लेना है। ऊना से मंदिर के लिए टैक्सी या कैब ली जा सकती है जो लगभग 45 किलोमीटर दूर है।

Q. चंडीगढ़ से मां नैना देवी मंदिर कैसे पहुंचे?

A. चंडीगढ़ से नैना देवी की दूरी लगभग 100 किलोमीटर दूर है। कोई भी चंडीगढ़ से मंदिर के लिए टैक्सी या कैब ले सकता है या चंडीगढ़ में इंटर-स्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी) से ऊना और फिर मंदिर के लिए टैक्सी ले सकता है।

Q. ट्रेन द्वारा माँ नैना देवी मंदिर कैसे पहुँचें?

माँ नैना देवी मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन आनंदपुर साहिब रेलवे स्टेशन है जो लगभग 30 किलोमीटर दूर है। वहां से मंदिर तक पहुंचने के लिए कोई टैक्सी या स्थानीय परिवहन ले सकता है।

Q. मां नैना देवी मंदिर का ड्रेस कोड क्या है?

मंदिर में जाने के लिए कोई विशेष ड्रेस कोड नहीं है। हालांकि, यह सलाह दी जाती है कि मंदिर में प्रवेश करते समय शालीनता से कपड़े पहनें और अपना सिर ढक लें।

Q. क्या गैर-हिंदू मां नैना देवी मंदिर जा सकते हैं?

हां, मंदिर सभी धर्मों और मान्यताओं के लोगों के लिए खुला है। हालांकि, आगंतुकों से अपेक्षा की जाती है कि वे हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करें और मंदिर के नियमों और विनियमों का पालन करें।

Q. क्या माँ नैना देवी मंदिर में ठहरने की कोई सुविधा है?

हां, मंदिर प्रबंधन मामूली कीमत पर आगंतुकों को आवास की सुविधा प्रदान करता है। आसपास के इलाकों में कई होटल और लॉज भी हैं जहां आगंतुक ठहर सकते हैं।

Q. माँ नैना देवी मंदिर के समय क्या हैं?

मंदिर प्रतिदिन सुबह 5:00 बजे से रात 9:00 बजे तक खुला रहता है। हालांकि, सफाई और रखरखाव के लिए दोपहर के समय इसे कुछ घंटों के लिए बंद कर दिया जाता है।

Q. माँ नैना देवी मंदिर में क्या अनुष्ठान किए जाते हैं?

मंदिर पारंपरिक हिंदू अनुष्ठानों और समारोहों का पालन करता है। मंदिर में चढ़ाए जाने वाले मुख्य प्रसाद में फूल, नारियल और दूध शामिल हैं। भक्त आरती भी करते हैं और देवी को अपनी प्रार्थना अर्पित करते हैं।

मां नैना देवी मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और पूरे भारत से भक्तों को आकर्षित करता है। यह हिमाचल प्रदेश की यात्रा करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए अवश्य जाना चाहिए। मंदिर का अनूठा स्थान, दिलचस्प इतिहास और लुभावने दृश्य इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बनाते हैं। तो, चाहे आप आशीर्वाद मांगने वाले भक्त हों या रोमांच चाहने वाले यात्री हों, माँ नैना देवी मंदिर घूमने के लिए एकदम सही जगह है।

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