भूतों के द्वार एक रात में बनाया गया 1000 साल पुराना मंदिर - Kakanmath Temple In Hindi

Kanmath Temple मध्य प्रदेश के सिहोनिया में स्थित एक प्राचीन मंदिर है। यह एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक और स्थापत्य कृति है जो राज्य में आने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए जरूरी है। यह मंदिर हरे-भरे जंगल के बीच में स्थित है और अपने सुंदर आंतरिक सज्जा, जटिल नक्काशी और आकर्षक इतिहास के लिए जाना जाता है।

ककनमठ मंदिर का निर्माण किसने करवाया था (Who Built Kakanmath Temple)

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मंदिर 11 वीं शताब्दी के दौरान कच्छपघाट राजवंश द्वारा बनाया गया था और यह भगवान शिव को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि चंदेलों पर राजा कीर्तिपाल की जीत के उपलक्ष्य में मंदिर का निर्माण किया गया था। ककनमठ मंदिर वास्तुकला की कच्छपघाट शैली के कुछ जीवित उदाहरणों में से एक है। मंदिर एक ऊंचे चबूतरे पर बना है और इसमें एक गर्भगृह, एक दालान और एक मंडप है।

भूतो द्वारा निर्मित ककनमठ मंदिर (Kakanmath Temple Built By Ghost)

इस मंदिर के बारे में एक दिलचस्प तथ्य यह है कि ऐसा माना जाता है कि इसका निर्माण भूतो ने एक ही रात में किया था, लेकिन क्योंकि सुबह होने के कारण मंदिर का निर्माण को बीच में ही रोकना पड़ा। इस मंदिर को भूतो का मंदिर भी कहा जाता है और इसे देखकर आपको अधूरा सा लगेगा। खैर, यह दिखाने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं है कि यह कितना सच है।

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ककनमठ मंदिर का इतिहास (Kakanmath Temple History In Hindi)

मंदिर को वर्षों से अच्छी तरह से संरक्षित किया गया है, लेकिन इसमें कई बदलाव और जीर्णोद्धार भी हुए हैं। मुगलों के शासनकाल के दौरान, मंदिर को क्षतिग्रस्त कर दिया गया और लूट लिया गया। हालाँकि, 19वीं शताब्दी के दौरान इंदौर के परोपकारी लोगों के एक समूह द्वारा इसका नवीनीकरण किया गया था।

ककनमठ मंदिर की वास्तुकला (Architecture Of Kakanmath Temple)

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मंदिर की अनूठी विशेषताओं में से एक पत्थर की स्क्रीन का उपयोग है। इन स्क्रीनों को जटिल रूप से उकेरा गया है और इनका उपयोग प्रकाश को फ़िल्टर करने और ताजी हवा को मंदिर में आने देने के लिए किया जाता है। मंदिर के आंतरिक भाग खंभों और दीवारों पर जटिल नक्काशी के साथ समान रूप से सुंदर हैं। मंदिर की दीवारें भगवान शिव और विभिन्न अन्य देवी-देवताओं की सुंदर छवियों से सुशोभित हैं।

मंदिर में एक बड़ा पानी का कुंड भी है जिसे ककनमठ कुंड कहा जाता है। माना जाता है कि इस कुंड में हीलिंग शक्तियां हैं और कहा जाता है कि कुंड में स्नान करने से कई बीमारियां दूर हो जाती हैं। कुंड में पानी क्रिस्टल स्पष्ट है और माना जाता है कि यह गंगा नदी से आया है।

ककनमठ मंदिर का महत्व (Importance Of Kakanmath Temple)

ककनमठ मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और हर साल भक्तों द्वारा दौरा किया जाता है। मंदिर प्रसिद्ध शिव भक्ति सर्किट का एक हिस्सा है और प्राचीन भारत के इतिहास और वास्तुकला में रुचि रखने वाले पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय स्थान है।

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मंदिर एक शांत वातावरण में स्थित है और कुछ समय एकांत में बिताने के लिए एक शानदार जगह है। आसपास का जंगल भी पक्षियों और जानवरों की विभिन्न प्रजातियों का घर है, जो इसे बर्डवॉचिंग और वन्यजीव फोटोग्राफी के लिए एक शानदार जगह बनाता है।

ककनमठ मंदिर का पता (Address Of Kakanmath Temple)

ककनमठ मंदिर, सिहोनिया, मध्य प्रदेश 476333, भारत

ककनमठ मंदिर समय (Kakanmath Temple Timings)

मंदिर आमतौर पर हर दिन सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है।

ककनमठ मंदिर के पास पर्यटन स्थल (Tourist Places Near Kakanmath Temple)

  • गुरुद्वारा श्री गुरु नानक दरबार - यह सिख मंदिर शहर के मध्य में स्थित है और देश भर से भक्तों को आकर्षित करता है। गुरुद्वारा अपने शांतिपूर्ण वातावरण और सभी आगंतुकों के लिए भव्य लंगर की सेवा के लिए जाना जाता है।
  • सोंढा किला - यह ऐतिहासिक किला 15वीं शताब्दी का है और इसे राजा मधुकर शाह ने बनवाया था। यह एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और आसपास के ग्रामीण इलाकों का मनोरम दृश्य प्रदान करता है।
  • नरसिंह मंदिर - यह सुंदर मंदिर भगवान विष्णु के अवतार भगवान नरसिंह को समर्पित है। यह अपनी खूबसूरत वास्तुकला और जटिल नक्काशी के लिए जाना जाता है।
  • खेड़ापति हनुमान मंदिर - यह मंदिर सिहोनिया के बाहरी इलाके में स्थित है और भगवान हनुमान को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि भगवान हनुमान संजीवनी जड़ी बूटी की खोज के दौरान इस स्थान पर आए थे।
  • सिहोनिया गढ़ - यह प्राचीन किला 9वीं शताब्दी का है और इसे कछवाहा राजपूतों ने बनवाया था। यह अपनी स्थापत्य सुंदरता और मनोरम दृश्यों के लिए जाना जाता है।
  • बावड़ि - यह प्राचीन बावड़ी 14वीं शताब्दी में बनाई गई थी और माना जाता है कि यह इस क्षेत्र की सबसे बड़ी बावड़ियों में से एक है। यह अपनी खूबसूरत वास्तुकला और जटिल नक्काशी के लिए जाना जाता है।
  • राजगढ़ पैलेस - यह राजसी महल सिहोनिया के बाहरी इलाके में स्थित है और राजगढ़ शाही परिवार द्वारा बनाया गया था। यह अपनी खूबसूरत वास्तुकला, जटिल नक्काशी और हरे-भरे बगीचों के लिए जाना जाता है।

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ककनमठ मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय (Best Time To Visit Kakanmath Temple)

ककनमठ मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और मार्च के बीच है जब मौसम सुहावना होता है और मंदिर के आसपास की खोज के लिए उपयुक्त होता है।

ककनमठ मंदिर कैसे पहुंचे (How To Reach Kakanmath Temple)

  • वायु द्वारा: निकटतम हवाई अड्डा भोपाल में राजा भोज हवाई अड्डा है, जो मंदिर से 118 किमी दूर है।
  • ट्रेन द्वारा: निकटतम रेलवे स्टेशन सौगोर रेलवे स्टेशन है, जो लगभग 89 किमी दूर है। कोई टैक्सी किराए पर ले सकता है या मंदिर तक पहुँचने के लिए बस ले सकता है।
  • सड़क मार्ग द्वारा: मंदिर सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। कोई टैक्सी किराए पर ले सकता है, बस ले सकता है या ग्वालियर, भोपाल और इंदौर जैसे नजदीकी शहरों से अपनी कार चला सकता है।

ककनमठ मंदिर के पास आवास (Accommodation Near Kakanmath Temple)

पर्यटकों के चयन के लिए सिहोनिया में कुछ बजट के अनुकूल होटल और गेस्टहाउस उपलब्ध हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

ककनमठ मंदिर एक अद्वितीय और सुंदर मंदिर है जिसे प्राचीन भारतीय वास्तुकला और इतिहास में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति को अवश्य जाना चाहिए। यह शांतिपूर्ण और शांत वातावरण में सोखने और प्राचीन भारत की आध्यात्मिकता और दिव्यता का अनुभव करने के लिए एक शानदार जगह है। मध्य प्रदेश की अपनी अगली यात्रा के दौरान इस खूबसूरत मंदिर की यात्रा की योजना बनाएं और भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत में खुद को डुबो दें।

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