आंध्र प्रदेश में Guddimallam Temple न केवल अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए बल्कि दिलचस्प शिवलिंग के लिए भी एक आकर्षक जगह है। यह प्राचीन हिंदू मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, और माना जाता है कि इसे तीसरी शताब्दी के दौरान बनाया गया था।
गुड्डीमल्लम मंदिर क्यों प्रसिद्ध है (Why Guddimallam Temple Is Famous)
गुड्डीमल्लम मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है और दुनिया के उन कुछ स्थानों में से एक है जहां गहरे कॉफी रंग के पत्थर से बना शिवलिंग है। माना जाता है कि शिवलिंग त्रेता युग के दौरान आसमान से गिरा था, और कहा जाता है कि इसमें जबरदस्त ब्रह्मांडीय ऊर्जा है।
गुड्डीमल्लम मंदिर का इतिहास (History Of Guddimallam Temple)
किंवदंती है कि नरसिम्हा स्वामी नाम के एक ब्राह्मण पुजारी ने पास के जंगल में अपने मवेशियों को चराते समय शिवलिंग की खोज की थी। उसने देखा कि एक गाय हर दिन रहस्यमय तरीके से गायब हो जाती है, और वह एक गुफा तक उसका पीछा करता है जहां उसे शिवलिंग मिला। इसकी सुंदरता और ऊर्जा से अभिभूत, नरसिम्हा स्वामी ने वहां रहने और खुद को भगवान को समर्पित करने का फैसला किया।
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समय के साथ, गुफा एक मंदिर बन गई, और पूरे क्षेत्र के लोग शिवलिंग के प्रति अपना सम्मान प्रकट करने के लिए आने लगे। मंदिर को बाद में गुफा के चारों ओर बनाया गया था, और अब यह भगवान शिव के भक्तों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
गुड्डीमल्लम मंदिर की वास्तुकला (Architecture Of Guddimallam Temple)
गुड़ीमल्लम मंदिर दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में बना एक प्राचीन मंदिर है। मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए जाना जाता है जो द्रविड़ियन, चालुक्य और पल्लव शैलियों को मिश्रित करता है। मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसमें देवता की एक सुंदर नक्काशीदार मूर्ति है।
गुड़ीमल्लम मंदिर में उल्कापिंड से बना शिवलिंग (Shivling Made From Meteorite In Gudimallam Temple)
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जो इस मंदिर को इतना अनोखा बनाता है वह है शिवलिंग। जिस उल्कापिंड से इसे बनाया गया है, वह लगभग 70,000 साल पुराना माना जाता है और तमिलनाडु के धर्मपुरी जिले में खोजा गया था। शिवलिंग लोहे, निकल और अन्य खनिजों से बना है और कहा जाता है कि इसमें अपार आध्यात्मिक शक्ति है।
गुड्डीमल्लम मंदिर का महत्व (Importance Of Guddimallam Temple)
मंदिर के पुजारी नियमित अनुष्ठान करते हैं और शिवलिंग की पूजा करते हैं, जिसे भगवान शिव की दिव्य ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग की पूजा करने से जीवन की सभी बाधाओं को दूर करने और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।
हजारो साल पुराना शिव मंदिर जो टीका है सिर्फ एक स्तंभ पे - Shri Kedareshwar Cave Temple
गुड्डीमल्लम मंदिर के दर्शन करना एक ऐसा अनुभव है जैसा और कोई नहीं। एक उल्कापिंड से बना शिवलिंग मंदिर के रहस्य और महत्व को बढ़ाता है। मंदिर की प्राचीन वास्तुकला, आध्यात्मिक ऊर्जा और अद्वितीय शिवलिंग इसे भक्तों और पर्यटकों के लिए समान रूप से आकर्षक गंतव्य बनाते हैं।
गुड्डीमल्लम मंदिर में मनाए जाने वाले त्यौहार (Festivals Celebrated At Guddimallam Temple)
मंदिर में साल भर कई त्योहार मनाए जाते हैं, जिनमें महा शिवरात्रि, वैकुंठ एकादशी और कार्तिक पूर्णिमा शामिल हैं। महा शिवरात्रि के दौरान, मंदिर में पांच दिवसीय भव्य उत्सव मनाया जाता है, जिसमें देश भर से लाखों भक्त आते हैं। विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पूजाओं के साथ, त्योहार बहुत उत्साह और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
गुड्डीमल्लम मंदिर का पता (Address Of Guddimallam Temple)
गुड़ीमल्लम मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है। यहाँ मंदिर के बारे में विवरण हैं:
गुड़ीमल्लम मंदिर, चित्तूर जिला, आंध्र प्रदेश, भारत
गुड्डीमल्लम मंदिर का समय (Guddimallam Temple Timings)
मंदिर प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और दोपहर 3:00 बजे से रात 8:00 बजे तक खुला रहता है।
गुड्डीमल्लम मंदिर के पास घूमने के पर्यटन स्थल (Tourist Places To Visit Near Guddimallam Temple)
- तिरुमाला वेंकटेश्वर मंदिर: तिरुमाला की सात पहाड़ियों पर स्थित भारत का सबसे प्रसिद्ध और दौरा किया जाने वाला मंदिर है।
- श्री कालहस्ती मंदिर: श्री कालहस्ती शहर में स्थित भगवान शिव को समर्पित एक लोकप्रिय मंदिर।
- हार्स्ली हिल्स: एक हिल स्टेशन जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और पर्वत चोटियों के लिए जाना जाता है।
- कौंडिन्य वन्यजीव अभयारण्य: जानवरों और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों का घर।
- तालकोना जलप्रपात: श्री वेंकटेश्वर राष्ट्रीय उद्यान की जंगली पहाड़ियों के बीच स्थित एक सुंदर जलप्रपात।
- कैलासनाथ कोना जलप्रपात: एक सुदूर गाँव में स्थित एक छिपा हुआ रत्न, कैलासनाथ कोना जलप्रपात प्रकृति प्रेमियों के लिए एक ज़रूरी यात्रा है।
- गुर्रमकोंडा किला: विजयनगर साम्राज्य के दौरान बना एक ऐतिहासिक किला और अपनी शानदार वास्तुकला के लिए जाना जाता है।
- श्रीकालहस्ती बांध: श्रीकालहस्ती की पहाड़ियों के बीच स्थित एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है।
- चंद्रगिरि किला: चंद्रगिरि शहर में 16वीं शताब्दी का एक किला, जो अपने समृद्ध इतिहास और सुंदर वास्तुकला के लिए जाना जाता है।
- क्लियोपेट्रा जलप्रपात: पालमेनेर शहर में स्थित क्रिस्टल साफ पानी के साथ एक आश्चर्यजनक झरना।
गुड्डीमल्लम मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय (Best Time To Visit Guddimallam Temple)
गुडीमल्लम मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय नवंबर से फरवरी तक सर्दियों के महीनों के दौरान होता है। इन महीनों के दौरान मौसम सुखद और यात्रा के लिए आरामदायक होता है।
गुड्डीमल्लम मंदिर कैसे पहुंचे (How To Reach Guddimallam Temple)
गुडीमल्लम मंदिर सड़क और रेल मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
- वायु द्वारा: निकटतम हवाई अड्डा तिरुपति में है, जो लगभग 60 किमी दूर है।
- ट्रेन से: निकटतम रेलवे स्टेशन रेनिगुंटा में है, जो मंदिर से लगभग 30 किमी दूर है।
- सड़क मार्ग द्वारा: मंदिर तक पहुँचने के लिए निजी और सार्वजनिक परिवहन की सुविधा भी उपलब्ध है।
गुड़ीमल्लम मंदिर के पास आवास (Accommodations Near Gudimallam Temple)
गुड़ीमल्लम मंदिर के पास आवास के कई विकल्प उपलब्ध हैं। ये होटल सुखद रहने के लिए आरामदायक कमरे और सभी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
आंध्र प्रदेश में गुड्डीमल्लम मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। उल्कापिंड से बना शिवलिंग मंदिर की आभा को बढ़ाता है और इसे आध्यात्मिक साधकों और यात्रियों के लिए एक अनूठा गंतव्य बनाता है। यदि आप आंध्र प्रदेश की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप इस मंदिर को अपने यात्रा कार्यक्रम में शामिल करें।
1 Comments
Guddimallam shiva temple...a wonderful information..tnx to shri Gaurav Goyal...I prey to shiva baba to let me visit this holiest place..om namaste shiva.
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